मशीन लर्निंग क्या है सरल भाषा मे जान लीजिए

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मशीन लर्निंग से सीधा मतलब है आर्टिफिशल इंटेलीजेंस का। मशीन लर्निंग में कंप्यूटर की सीखने की क्षमता का कंप्यूटर साइंस के इस्तेमाल से विकास कर उसे उर सटीक और उम्दा बनाना है। 

मशीन लर्निंग में एल्गोरिथ्म (Algorithms) का इस्तेमाल किया जाता है जिससे की एक कंप्यूटर खुद से नई चीजें सीखकर एक पैटर्न के आधार पर इंसानी दिमाग की तरह सोचने और समझने लगता है। अल्गोरिथम्स के इस्तेमाल होने की वजह से और याद रखने की क्षमता के बेहतर होने से एक कंप्यूटर आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस बन जाता है।

 इस तकनीक के आने स कंप्यूटर की समझ और पैटर्न पहचानने की क्षमता बेमिसाल हो जाती है, यह इंसानी दिमाग से कई गुना ज्यादा अच्छे से चीजों को जानता, समझता और याद रख सकता है।  

मशीन लर्निंग के जरिए एक कंप्यूटर बेहद सटीक और निश्चयपूर्ण निर्णय और परिणाम दे सकता है। यह पुराने डेटा का इस्तेमाल करके नए और सटीक जानकारी दे पाता है। 

मशीन लर्निंग है क्या?

मशीन लर्निंग क्या है? अल्गोरिथम और मशीन लर्निंग में क्या संबंध है?




मशीन लर्निंग एक तरीका है जिसका इस्तेमाल कंप्यूटर्स एल्गोरिथ्म और सांख्यिक (statistical) डेटा के जरिए नई चीजें सीखने और निष्कर्ष तक पहुचने के लिए करते हैं। 

मशीन लर्निग का इतिहास IBM से जुड़ा हुआ है जब पहली बार चेकर्स और चैस के गेम में कंप्यूटर्स ने मानवों की आगे की चल को पहले ही लक्षित करना सीख लेया और इसमें चेस और चेकर्स के महारथियों को भी मत दे दी। 

मशीन लर्निंग का इस्तेमाल आजकल स्वचालित परिवहनों जैसे टेस्ला कारों में, आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस में, नेटफ्लिक्स के बढ़िया फ़िल्म सुझावों में आदि में बढ़-चढ़ कर किया जाने लगा है। 

 मशीन लर्निंग आकजकल बहुत मांग में है, IT के हर क्षेत्र में इसका इस्तेमाल होने लगा है। ऑटोमेशन ईमेल से लेकर, सुझाए गई इंस्टाग्राम के वीडिओज़ तक में, और यहां तक की Chat-GPT भी machine learning का एक अच्छा उदाहरण है। 

जैसे जैसे समाज तकनीकी के क्षेत्र में आगे बढ़ता जाएगा आगे का जमाना मशीन लर्निंग और अल्गोरिथम का ही है। इस तकनीक की मांग की वजह से कंप्यूटर डेटा वैज्ञानिको की माँग काफी बढ़ने वाली है। 

मशीन लर्निंग को जानने के लिए आपको पहले अल्गोरिथम को समझना होगा:

अल्गोरिथम क्या होता है?


सामान्य तौर पर अल्गोरिथम एक डेटा और निर्देशों का सेट होता है जिसके आधार पर कंप्यूटर्स को चलना होता है। जिसकी मदद से कंप्यूटर्स विभिन्न प्रकार के समस्याओं को हाल कर पाते हैं। 

मसलन अगर 2 + 2 = 4 होता है, तो इसके लिए भी एक अल्गोरिथम बनाया गया है। यह अल्गोरिथम का सबसे छोटा उदाहरण है। इस अल्गोरिथम में आपको 2 के आगे 2 बार गिनती पढ़नी होतई हैई और आप समझ जाते हैं किई यह गिनती 4 पर खत्म हो रही है, तो इसका जवाब 4 होगा। 

इसी तरह से किसी छत पर जाने के लिए एक सीढी एक तरह का एल्गोरिथ्म है, जिसे आप दरकिनार नहीं कर सकते हैं। इस तरह अगर आसान शब्दों में कहें तो किसी भी समस्या को हाल करने के लिए एक निश्चित व्यवस्था का होना एल्गोरिथ्म कहलाता है। सामान्यतः यह व्यवस्था नियम, कायदे-कानून के रूप में सामने आती है, जिसके बगैर समस्याओं को हाल नहीं किया जा सकता। 

यह कहा जा सकता है कि एक अल्गोरिथम एक तरह की प्रकिया है जो समस्या को हाल करने के लिए इस्तेमाल की जाती है। यह एक निश्चित नियमों का सेट होता है, जिसे नियमतः अनुकरण आरन ही होता है।

एल्गोरिथ्म का प्रयोग कंप्यूटर साइंस, IT, गणित के क्षेत्र में भी किया जाता है। यह एक तरह की निश्चित प्रकिया है जिससे समस्याओ को सुलझाने में आसानी होती है। इसका प्रयोग सामान्यतः गणित के सूत्रों में, सांखियिकी की समस्या सुलझाने, अंकों को सही क्रम में लगाने के लिए, सोशल मीडिया पर यूजर को उसके मन पसन्द पोस्ट दिखाने आदि में किया जाता है। 

अल्गोरिथम की केहै बात यह होती है कि इनको एक निश्चित समय के बाद निश्चित स्टेप्स करने के बाद खत्म हो जाना होता है या फिर से वही प्रक्रिया दुहरानी होती है। 



निष्कर्ष:


इस तरह आपने जाना की मशीन लर्निग क्या होती है, अल्गोरिथम से इसका क्या संबंध है, इस तकनीक का भविष्य कैसा रहेगा और इसकी मांग किन किन क्षेत्रों मीन बढ़ने वाली है। 

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