गूगल का AI Mode: क्यों आया, क्या बदलेगा, और ब्लॉगिंग पर इसका असर

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 गूगल, जो इंटरनेट सर्च का पर्याय बन चुका है, ने हाल ही में अपने नए AI-पावर्ड फीचर, AI Mode, को बड़े पैमाने पर प्रचारित किया। मंगलवार को गूगल ने अपने सबसे मूल्यवान डिजिटल स्थान—गूगल डूडल—का उपयोग AI Mode को बढ़ावा देने के लिए किया। यह एनिमेटेड डूडल गूगल के होमपेज और क्रोम ब्राउज़र के लैंडिंग पेज पर दिखाई दिया, जो उपयोगकर्ताओं को सीधे AI Mode की ओर ले जाता है। इस कदम ने तकनीकी दुनिया में हलचल मचा दी, क्योंकि गूगल डूडल का उपयोग आमतौर पर ऐतिहासिक या सांस्कृतिक घटनाओं को सेलिब्रेट करने के लिए किया जाता है। गूगल के प्रवक्ता ने इसे "जस्ट अ फन प्रोमो" बताया, लेकिन यह स्पष्ट है कि यह कदम गूगल की रणनीति का हिस्सा है, जो AI स्टार्टअप्स जैसे OpenAI (ChatGPT), Anthropic (Claude), और Perplexity AI से बढ़ती प्रतिस्पर्धा का जवाब है।



इस ब्लॉग में हम गूगल के AI Mode के पीछे के कारणों, इसके प्रभावों, और विशेष रूप से ब्लॉगिंग उद्योग पर इसके असर को विस्तार से समझेंगे। हम यह भी देखेंगे कि यह फीचर कैसे काम करता है, इसे क्यों लॉन्च किया गया, और ब्लॉगर्स को अपनी रणनीति में क्या बदलाव करने चाहिए।


Google AI Mode how and what it will change?
गूगल का AI को सर्च मैथड में लाना क्या ब्लॉगिंग खत्म कर देगा?



AI Mode क्या है और यह कैसे काम करता है?

AI Mode गूगल का एक चैटबॉट-जैसा सर्च अनुभव है, जो जटिल और बहु-आयामी सवालों के जवाब देने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसे मार्च 2025 में लॉन्च किया गया और अब यह अमेरिका में सभी उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध है। गूगल का दावा है कि AI Mode उपयोगकर्ताओं को टेक्स्ट, वॉयस, या इमेज के ज़रिए सवाल पूछने की सुविधा देता है, और यह जटिल सवालों के जवाब देने में सक्षम है, जो पहले कई सर्च की आवश्यकता रखते थे। यह फीचर गूगल के फ्लैगशिप AI मॉडल, Gemini 2.5, पर आधारित है, जो उन्नत रीज़निंग और मल्टीमॉडल क्षमताओं से लैस है।


AI Mode का सबसे खास पहलू इसका क्वेरी फैन-आउट तकनीक है। यह तकनीक उपयोगकर्ता के सवाल को कई उप-विषयों में तोड़ देती है और इनके लिए एक साथ कई सर्च करती है। इसके बाद, यह जानकारी को संश्लेषित (synthesize) करके एक संक्षिप्त, बातचीत जैसा जवाब देती है, जिसमें वेब से प्रासंगिक लिंक्स भी शामिल होते हैं। उदाहरण के लिए, अगर आप पूछते हैं, "भारत में इकोनॉमी को समझने के लिए बेस्ट किताबें कौन सी हैं?", AI Mode न केवल किताबों की सूची देगा, बल्कि उनकी तुलना, पाठक समीक्षाएँ, और भारत के आर्थिक संदर्भ को ध्यान में रखकर एक तर्कसंगत जवाब देगा। उपयोगकर्ता इसके बाद फॉलो-अप सवाल पूछ सकते हैं, जैसे "इनमें से कौन सी किताब शुरुआती लोगों के लिए है?", और AI Mode पिछले संदर्भ को याद रखते हुए जवाब देगा।


AI Mode लॉन्च करने के पीछे गूगल का मकसद

गूगल का AI Mode लॉन्च करना एक रणनीतिक कदम है, जो कई कारणों से प्रेरित है। आइए इन कारणों को समझते हैं:

1. AI Mode लांच के कारण : 

OpenAI, Anthropic, और Perplexity AI जैसे स्टार्टअप्स ने सर्च और जवाब देने के तरीके को बदल दिया है। OpenAI का ChatGPT और Perplexity AI का "एन्सर इंजन" उपयोगकर्ताओं को सीधे, बातचीत-आधारित जवाब देता है, जो पारंपरिक सर्च से अलग है। गूगल, जो सर्च मार्केट में 90% से अधिक हिस्सेदारी रखता है, इस प्रतिस्पर्धा को नज़रअंदाज़ नहीं कर सकता। AI Mode गूगल का जवाब है, जो पारंपरिक सर्च को AI-आधारित, व्यक्तिगत अनुभव के साथ जोड़ता है।

2. उपयोगकर्ता व्यवहार में बदलाव

आज के उपयोगकर्ता लंबे, जटिल, और बातचीत-आधारित सवाल पूछ रहे हैं। गूगल के डेटा के अनुसार, AI Mode में पूछे जाने वाले सवाल पारंपरिक सर्च की तुलना में 2-3 गुना लंबे हैं। लोग अब "भारत की अर्थव्यवस्था" जैसे छोटे कीवर्ड्स की बजाय "भारत की अर्थव्यवस्था में मुद्रास्फीति का 2025 में क्या प्रभाव होगा?" जैसे सवाल पूछ रहे हैं। AI Mode इस बदलते व्यवहार को संबोधित करता है।

3. विश्वसनीयता और डेटा एकीकरण

गूगल का AI Mode, ChatGPT जैसे टूल्स से अलग, अपने जवाबों को वेब कंटेंट, Knowledge Graph, और रियल-टाइम डेटा (जैसे शॉपिंग डेटा) से जोड़ता है। यह सुनिश्चित करता है कि जवाब न केवल ताज़ा हों, बल्कि विश्वसनीय और सत्यापित भी हों। ChatGPT जैसे मॉडल्स में "हैलुसिनेशन" (गलत जानकारी) की समस्या हो सकती है, लेकिन AI Mode वेब स्रोतों और लिंक्स के साथ जवाब देता है, जिससे इसकी विश्वसनीयता बढ़ती है।

4. गूगल डूडल के ज़रिए प्रचार

गूगल डूडल का उपयोग AI Mode को प्रचारित करने के लिए एक स्मार्ट मार्केटिंग कदम है। गूगल डूडल रोज़ाना अरबों उपयोगकर्ताओं तक पहुँचता है, और इसका एनिमेटेड, इंटरैक्टिव डिज़ाइन उपयोगकर्ताओं को आकर्षित करता है। "I'm Feeling Lucky" बटन को AI Mode से बदलना भी दर्शाता है कि गूगल इस फीचर को सर्च का भविष्य मानता है। यह कदम उपयोगकर्ताओं को AI Mode आज़माने के लिए प्रोत्साहित करता है और गूगल की AI तकनीक को मुख्यधारा में लाता है।



AI Mode के व्यापक प्रभाव

AI Mode का प्रभाव न केवल सर्च इंजन तक सीमित है, बल्कि यह डिजिटल मार्केटिंग, कंटेंट क्रिएशन, और उपयोगकर्ता व्यवहार को भी बदल रहा है। आइए इसके प्रमुख प्रभावों को देखें:

1. सर्च अनुभव का परिवर्तन

AI Mode सर्च को एक डायलॉग में बदल रहा है। यह उपयोगकर्ताओं को एक व्यक्तिगत डिजिटल असिस्टेंट की तरह जवाब देता है, जो उनकी प्राथमिकताओं, पिछले सवालों, और यहाँ तक कि भावनात्मक संकेतों (जैसे "मैं टूर प्लान कर रहा हूँ") को समझता है। यह हाइपर-पर्सनलाइज़ेशन सर्च को अधिक प्रासंगिक बनाता है, लेकिन इसका मतलब है कि उपयोगकर्ता अब कम लिंक्स पर क्लिक करेंगे, क्योंकि जवाब सीधे सर्च पेज पर मिल रहे हैं।

2. ट्रैफिक और विज्ञापन पर असर

AI Mode और AI Overviews ने पहले ही वेबसाइट ट्रैफिक पर असर डाला है। उदाहरण के लिए, कुछ प्रकाशकों ने AI Overviews के लॉन्च के बाद 30-50% ट्रैफिक में कमी देखी, क्योंकि उपयोगकर्ता सर्च पेज छोड़े बिना जवाब पा रहे हैं। AI Mode, जो और भी गहराई से जवाब देता है, इस कमी को और बढ़ा सकता है। गूगल का कहना है कि AI Mode से आने वाले क्लिक्स "उच्च गुणवत्ता" वाले हैं, यानी उपयोगकर्ता साइट पर ज़्यादा समय बिताते हैं, लेकिन क्लिक-थ्रू रेट (CTR) में कमी एक बड़ी चुनौती है।

3. विज्ञापन रणनीति में बदलाव

गूगल ने मई 2025 में AI Overviews में पेड विज्ञापनों की शुरुआत की, और विशेषज्ञों का मानना है कि AI Mode में भी जल्द ही विज्ञापन शामिल होंगे। यह प्रकाशकों और व्यवसायों के लिए एक अवसर हो सकता है, लेकिन केवल वे ही लाभ उठा पाएँगे जो AI Mode के जवाबों में शामिल होने के लिए अपनी सामग्री को अनुकूलित करेंगे।



ब्लॉगिंग पर AI Mode का असर

AI Mode का ब्लॉगिंग पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है, खासकर उन ब्लॉगर्स के लिए जो गूगल सर्च ट्रैफिक पर निर्भर हैं। यहाँ इसके प्रमुख प्रभाव और ब्लॉगर्स के लिए सुझाव दिए गए हैं:

1. ट्रैफिक में कमी

AI Mode और AI Overviews के कारण ब्लॉग्स को मिलने वाला ऑर्गेनिक ट्रैफिक कम हो रहा है। एक अध्ययन के अनुसार, AI Overviews में शामिल साइट्स को भी 43.9% CTR में कमी देखने को मिली। AI Mode, जो और भी विस्तृत जवाब देता है, उपयोगकर्ताओं को ब्लॉग्स पर जाने की ज़रूरत को और कम कर सकता है। उदाहरण के लिए, अगर कोई पूछता है, "भारत में इकोनॉमी कैसे काम करती है?", AI Mode एक संक्षिप्त जवाब दे सकता है, जिसमें ब्लॉग का केवल एक छोटा हिस्सा शामिल हो।

2. सामग्री की गुणवत्ता पर जोर

गूगल का AI Mode E-E-A-T (Experience, Expertise, Authoritativeness, Trustworthiness) पर अधिक ध्यान देता है। ब्लॉगर्स को अब ऐसी सामग्री बनानी होगी जो न केवल जानकारीपूर्ण हो, बल्कि अद्वितीय, अच्छी तरह से शोध की गई, और विश्वसनीय हो। गूगल ने सुझाव दिया है कि ब्लॉगर्स को "यूनिक, नॉन-कमोडिटी कंटेंट" पर ध्यान देना चाहिए, जो उपयोगकर्ताओं की ज़रूरतों को पूरा करता हो। इसका मतलब है कि सामान्य जानकारी देने वाले ब्लॉग्स की जगह अब गहरे विश्लेषण, केस स्टडीज़, और व्यक्तिगत अनुभवों पर आधारित लेखों की ज़रूरत है।

3. लॉन्ग-टेल कीवर्ड्स और सवाल-आधारित कंटेंट

AI Mode के कारण उपयोगकर्ता अब लंबे, सवाल-आधारित कीवर्ड्स का उपयोग कर रहे हैं। ब्लॉगर्स को अपनी SEO रणनीति में इन लॉन्ग-टेल कीवर्ड्स को शामिल करना होगा। उदाहरण के लिए, "इकोनॉमी क्या है" की बजाय "2025 में भारत की अर्थव्यवस्था में निवेश के लिए बेस्ट सेक्टर कौन से हैं?" जैसे सवालों पर ध्यान देना होगा।

4. डायवर्सिफिकेशन की ज़रूरत

AI Mode के कारण ब्लॉगर्स को केवल गूगल सर्च पर निर्भर रहने की बजाय अपनी ऑडियंस को सीधे जोड़ने की रणनीति अपनानी होगी। न्यूज़लेटर्स, सोशल मीडिया (जैसे X, Instagram), और कम्युनिटी बिल्डिंग अब पहले से ज़्यादा महत्वपूर्ण हैं। उदाहरण के लिए, Substack जैसे प्लेटफॉर्म्स पर ब्लॉगर्स ने वफादार ऑडियंस बनाई है, जो गूगल की बजाय सीधे उनकी साइट पर आते हैं।

5. मल्टीमॉडल कंटेंट

AI Mode टेक्स्ट के साथ-साथ इमेज, वीडियो, और ऑडियो को भी सपोर्ट करता है। ब्लॉगर्स को अपनी सामग्री को मल्टीमॉडल बनाना होगा, जैसे इन्फोग्राफिक्स, वीडियो ट्यूटोरियल्स, या पॉडकास्ट्स। गूगल का कहना है कि मल्टीमॉडल कंटेंट AI Mode में बेहतर प्रदर्शन करता है।



ब्लॉगर्स के लिए रणनीति

AI Mode के युग में ब्लॉगिंग को जीवित रखने और फलने-फूलने के लिए निम्नलिखित रणनीतियाँ अपनाएँ:

  1. यूनिक और गहन कंटेंट बनाएँ: सामान्य जानकारी की बजाय गहरे विश्लेषण, केस स्टडीज़, और डेटा-आधारित लेख लिखें। उदाहरण के लिए, "चीन की गगनचुंबी इमारतों पर प्रतिबंध" जैसे विषय पर एक ब्लॉग में आर्थिक, सामाजिक, और पर्यावरणीय प्रभावों का गहरा विश्लेषण शामिल करें।

  2. E-E-A-T को प्राथमिकता दें: अपने लेखों में लेखक की बायो, विशेषज्ञता, और विश्वसनीय स्रोतों का उल्लेख करें। तृतीय-पक्ष समीक्षाएँ और उद्धरण जोड़ें।

  3. लॉन्ग-टेल कीवर्ड्स टारगेट करें: सवाल-आधारित कीवर्ड्स जैसे "2025 में भारत की अर्थव्यवस्था में निवेश कैसे करें?" को लक्षित करें। Keyword.com जैसे टूल्स का उपयोग करें।

  4. मल्टीमॉडल कंटेंट: अपने ब्लॉग में चार्ट्स, इन्फोग्राफिक्स, और वीडियो शामिल करें। Canva या Infogram जैसे टूल्स मदद कर सकते हैं।

  5. ऑडियंस बिल्डिंग: न्यूज़लेटर्स (Mailchimp), सोशल मीडिया (X, LinkedIn), और कम्युनिटी प्लेटफॉर्म्स (Reddit, Quora) पर सक्रिय रहें। अपनी ऑडियंस को सीधे जोड़ें।

  6. ट्रैफिक की निगरानी: Google Analytics और Search Console का उपयोग करके AI Mode से ट्रैफिक को ट्रैक करें। गूगल ने हाल ही में AI Mode ट्रैफिक को ऑर्गेनिक ट्रैफिक के रूप में रिकॉर्ड करना शुरू किया है।

  7. डिजिटल प्रोडक्ट्स: ब्लॉग्स के साथ-साथ ई-बुक्स, ऑनलाइन कोर्स, या प्रीमियम कंटेंट बनाएँ, जो आय का अतिरिक्त स्रोत हो सकते हैं।

निष्कर्ष

गूगल का AI Mode सर्च के भविष्य को फिर से परिभाषित कर रहा है। यह प्रतिस्पर्धा से निपटने, उपयोगकर्ता अनुभव को बेहतर बनाने, और सर्च को अधिक व्यक्तिगत और बुद्धिमान बनाने का गूगल का प्रयास है। लेकिन इसके साथ ही, यह ब्लॉगर्स और कंटेंट क्रिएटर्स के लिए नई चुनौतियाँ और अवसर लाता है। ट्रैफिक में कमी और CTR में गिरावट चिंता का विषय है, लेकिन सही रणनीति—जैसे यूनिक कंटेंट, E-E-A-T, और मल्टीमॉडल दृष्टिकोण—के साथ ब्लॉगर्स न केवल जीवित रह सकते हैं, बल्कि इस AI युग में फल-फूल भी सकते हैं।

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