चैट जीपीटी क्यों है चर्चा में और यह क्या है?

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 इंटरनेट पर चैट जीपीटी खूब चर्चा में है आजकल । वास्तव में चैट जीपीटी (Chat GPT) एक डायलॉग बेस्ट चैटबॉट एआई (Chat Bot AI) है यह इंसानों की भाषा और व्यवहार को बखूबी समझ जाता है और उसके ही अनुरूप प्रतिक्रिया भी करता है।

अभी हाल के ट्रेंड की बात करें तो चैट जीपीटी की खूब चर्चा हो रही है। इंटरनेट पर काफ़ी मजाकिया बातें आपने कहीं ना कहीं देखी और पढ़ी होंगी यह चैट जीपीटी एक तरह का एआई (AI) है जिसके बारे में कहा जा रहा है कि यह काफी तेज और सफल होगा।

What is chat gpt and why it is so in gossip on social media and news


अभी तक कुल कितने तरह के एआई (AI) देखने को मिले हैं?

चैट जीपीटी की तरह ही अभी तक गूगल असिस्टेंट, एप्पल की सीरी, और गूगल का Bard AI जैसे तमाम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बाजार में उपलब्ध है। हालांकि Bard AI को Google अपने हर बड़े एप में शामिल कर जैसे YouTube, Google सर्च ब्राउजर, Drive, Google Flights and Hotels, Maps, Photos, ताकि वह अपने यूजर्स की एक्सपीरियंस को बढ़िया बना रहा है! लेकिन जानकारों और नेटीजंस का कहना है की चैट जीपीटी एक समय पर गूगल को बदल कर रख देगा।

अगर देखा जाए तो गूगल का रिप्लेसमेंट आज के समय में सिर्फ एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ही कर सकता है। लेकिन उस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को गूगल को रिप्लेस करने से पहले गूगल के सारे डेटाबेस को अपने पास इकट्ठा करना होगा क्योंकि बिना डाटा के कोई भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बॉट वह सारी जानकारियां नहीं दे पाएगा जो उसे शुरुआत करने के लिए चाहिए होंगी।

नेटीजंस की मानें तो इस AI बोट को लोग गूगल से भी कंपेयर कर रहे है लेकिन वास्तव में यह क्या है आइए जानते हैं।

 चैटजीपीटी क्या है और कैसे काम करता है?

चैट जीपीटी एक तरह का कन्वर्सेशन यानी बातचीत करने का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस है जो आमजन या इंसानों की भाषा समझने और उसके हिसाब से जवाब देने में काफी हद तक आगे है। इसके लिए यह AI मशीन लर्निंग और डीप लर्निंग का सहारा लेता है। 

वास्तव में चैट जीपीटी का पूरा नाम क्या है? चैट जीपीटी का नाम जीपीटी यानी जेनरेटिव प्रिट्रेंड ट्रांसफार्मर (Generative Pre-trained Transformer) है जो कि एक डीप लर्निंग लैंग्वेज बेस्ट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस है यह इंसान की तरह आसान भाषा में कुछ भी जनरेट करने में माहिर है । हाल ही में Open AI जिस कंपनी ने Chat GPT को बनाया है, उन्होंने बताया कि अब से चैट जीपीटी इंटनरेट को एक्सेस कर सकता है और ऐसे में यह आपको रियलटाइम डाटा भी उपलब्ध कराएगा।

आइए जानते हैं यह डीप लर्निंग लैंग्वेज क्या होती है?

डीप लर्निंग एक तरह की मशीन लर्निंग का तरीका है जिसमें न्यूरल नेटवर्क की दो तीन या अधिक लेयर को इंसानी दिमाग के तौर तरीकों को पकड़ने के लिए बनाया जाता है।

 सिलसिलेवार तरीके से जवाब देने में भी सक्षम है चैट जीपीटी

जीपीटी को बनाने वाली कंपनी ओपन एआई (Open AI) का कहना है कि चैट जीपीटी किसी भी इंसान के सिलसिलेवार जवाबों का एक अच्छा तंत्र बनाने में और उसका जवाब देने में सक्षम है और यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इतना एडवांस है कि यह अपनी गलतियां भी मानता है। 

आपने देखा होगा की सीरी और गूगल असिस्टेंट भी अपनी गलतियां स्वीकार करते हैं। इसी तरह यह चैट जीपीटी इतना एडवांस बनाया गया है कि यह अपनी गलतियां  इंसान की ही तरह मान लेता है और यह उस अनुरोध को भी स्वीकार भी कर लेता है जो इसे लगता है कि सही नहीं है।


चैट जीपीटी की कंपनी और इसका ओनर कौन है?

चैट जीपीटी को बनाने वाली कंपनी एक ओपन एआई नाम की कंपनी है जिसके प्रेसिडेंट का नाम ग्रेग ब्रॉकमैन है। एलोन मस्क का इस कंपनी से बीते कुछ समय में संबंध रहा है पर अब ओपन एआई कंपनी अपने डिसीजन खुद लेती है। इस Open AI कंपनी को एलोन मस्क, सैम ऑल्टमैन, ग्रेग ब्रोकमैन, इल्या सुट्सकीवर और Wojciech Zaremba ने मिलकर बनाया था। 

ओपन एआई एक रिसर्च लैब है जिसका सेंटर सं फ्रांसिस्को, कैलिफ़ोर्निया में है। इसका निर्माण 2015 में हुआ था। इसे बनाने वालों में मुख्य रूप से एलोन मस्क और ग्रेग ब्रोकमैन शामिल हैं। 

OpenAI एक far profiting कंपनी है लेकिन इन्होंने एक नॉन-प्रॉफिट कंपनी भी बनाई है जिसका नाम OpenAI  Nonprofit Research Company रखा गया है। इस नॉन-प्रोफिटिंग कम्पनी का मुख्य उद्देश्य आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के क्षेत्र में रिसर्च करना और इसे समान्य जनता की भाषा और समस्या को समझने में निपुण बनाना है। इस OpenAI कम्पनी को रिसर्च करने के लिए जो फण्ड मिलता है वह अलग-अलग प्राइवेट डोनेशन, स्पोसोर्शिप,, और ग्रांट्स से होता है।   

क्या है खामियां चैट जीपीटी की

चैट जीपीटी को बनाने वाली कंपनी ओपन एआई (Open AI) ने कहा है कि चैट जीपीटी कभी-कभी सवालों के गलत जवाब भी देता है क्योंकि उनका मानना है कि वह जिस सोर्स का इस्तेमाल जवाब देने के लिए करता है वह सोर्स पूर्ण रूप से सही नहीं होता है। अर्थात चैट जीपीटी जिस तरह के सोर्स का इस्तेमाल कर जवाब देता है वह सही है या पूर्ण रूप से सच्चाई उसमें है या नहीं इसका दावा नहीं किया जा सकता इसीलिए चैट जीपीटी भी कभी-कभी गलत जवाब देता है।


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