गूगल ब्लॉगर पर बना फ्री ब्लॉग रैंक क्यों नहीं कर रहा है?

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 ब्लॉगर पर रैंक न होने के पीछे कई कारण हैं, लेकिन ऐसा नहीं है कि लोग ब्लॉगर के जरिए कोई कमाई नहीं कर पाते। हालांकि ब्लॉगर वर्डप्रेस या विक्स जितना यूजर-फ्रेंडली प्लेटफार्म नहीं है इसलिए अगर आपको कोडिंग की थोड़ी बहुत जानकारी होगी तभी आप यहाँ पर अच्छे से काम कर पाएंगे। 


ब्लॉगर एक गूगल द्वारा बनाया हुआ फ्री या मुफ्त प्लेटफार्म है, जहां आपको अपनी वेबसाइट बनाने के लिए और होस्ट करने के लिए गूगल को वर्डप्रेस या इस, शोपिफाई की तरह पैसे नहीं देने होते। लेकिन ब्लॉगर पर वेबसाइट चला पाना तुलनात्मक रूप से कठिन कार्य है। 


ब्लॉगर पर बने हुए ब्लॉग के न रैंक करने के पीछे कई कारण हो सकते हैं लेकिन सबसे बड़ा कारण हो सकता है की आपका ब्लॉग 6 महीने से नया होगा, या फिर अपने अपने ब्लॉग पर अच्छे आर्टिकल्स नही लिखे होंगे। 


ब्लॉगर क्या है इसकी जानकारी आपने कर ली अब इसके ऊपर बनाई गई वेबसाइट को रैंक कैसे करना है यह भी जानते हैं। 


आखिर क्या वजह है की ब्लॉगर पर बने ब्लॉग रैंक नहीं हो रहे हैं?

ब्लॉगर पर बने ब्लॉगस गूगल पर रैंक क्यों नहीं हो रहे हैं?




जाने अनजाने में आपसे कुछ SEO की ऐसी गलतियां हो जाती हैं जिससे आपकी वेबसाइट की परफॉर्मेस पर असर पड़ता है इसलिए आइए जानते हैं की वो क्या गलतियां हैं, जिन्हें आप अपनी वेबसाइट पर न करें वरना ब्लॉग रैंक करने में आ सकती है बड़ी दिक्कत। 


1. आपकी वेबसाइट नई होगी


अगर आपकी वेबसाइट नई है तो यह उम्मीद करना की यह अभी से रैंक करने लगेगी थोड़ी जल्दबाजी होगी। अगर आपकी वेबसाइट 6 महीने से नई है तो इसके लिए रैंक करना काफी मुश्किल होगा। 


2. ब्लॉग पर कम आर्टिकल्स का होना


ब्लॉग पर कम आर्टिकल्स लिखने से भी यह समस्या होती है की गूगल ऐसी आर्टिकल्स वाली वेबसाइट को जल्दी रैंक नहीं करता। गूगल की नज़र में सबसे अच्छी वेबसाइट के लिए ज्यादा से ज्यादा कंटेंट  होना ही एक बेहतर उपाय है। जितना ज्यादा आपकी वेबसाइट  पर कंटेंट होगा उतना ही ज्यादा सम्भावना होगी की आपकी वेबसाइट कितनी जल्दी रैंक करेगी। 


3. उच्च गुणवत्ता वाले आर्टिकल्स का न होना


आपकी वेबसाइट पर अच्छे गुणवत्ता वाले आर्टिकल्स का होना अति महत्वपपूर्ण है। इसलिए आपको अपने आर्टिकल्स गूगल क्रॉलर या गूगल करॉलिंग बॉट को ध्यान में न रखकर, बल्कि यूज़र्स को पढ़ने और समझने में आसानी हो ऐसे ब्लॉगस लिखने चाहिए। 


आप अपनी आर्टिकल्स की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए उसे कम से कम 650 शब्दों से कम न लिखें और कोशिस करें कि यह 1500 शब्दों के आस-पास का आर्टिकल हो क्योंकि इस शब्द सीमा के आस पास का ही आर्टिकल एक उच्च गुणवत्ता वाला आर्टिकल माना जाता है। 


4. यूजर-फ्रेंडली ब्लॉग का न होना 


आपके ब्लॉग का यूजर-फ्रेंडली होना बहुत जरूरी है। क्योकि आज गूगल पर लाखों की संख्या में ब्लॉगस पड़े हुए हैं। अगर आपके ब्लॉग को कैसे समझना है यह यूजर को पता ही नहीं होगा तो वह आपकी वेबसाइट पर देर तक नहीं रुकेगा। ऐसे में गूगल को यह संदेश जाता है की यह वेबसाइट या ब्लॉग अच्छा नहीं है और वह उसे धीरे धीरे रैंक से हटा देता है। 


5. यूजर एक्सपीरियंस के लिहाज से वेबसाइट की स्पीड तेज न होना


आपकी वेबसाइट के रैंक न होने के पीछे एक कारण यह भी है की वह सर्च इंजन के नज़रिए से अच्छी नहीं है। इसे ठीक करने के आप अपने पेज स्पीड यानी लोडिंग स्पीड को फ़ास्ट करें आम तौर पर यह स्पीड 2-3 सेकंड के अंदर अच्छी मानी जाती है।  बल्कि आपके ब्लॉग या वेबसाइट की स्पीड 1.5 सेक्पएंड से कम ही हो तो जयसद बेहतर है। आप अपनी वेबसाइट को मोबाइल-फ्रेंडली बनाएं और ध्यान रखें की वह सही मेटा-डेटा का इस्तेमाल कर रही हो। 


6. आपके ब्लॉग/वेबसाइट का उन टॉपिक्स पर न होना जिनकी खोज लोग करना चाहते हैं


हो सकता है की आपकी वेबसाईट या ब्लॉग ऐसे टॉपिक्स पर हो ही न जिसपर लोग अभी फिलहाल में सर्च कर रहे हैं। यह एक आम समस्या हो सकती है क्योंकि जब लोग वह खोजेंगे ही नहीं जिसपर आप ब्लॉग लिख रहे हो तो वह आर्टिकल गूगल सर्च रिजल्ट में आएगा ही नहीं, रैंक तो बाद की बात है। तो आपको ऐसे आर्टीकल लिखने हैं जो हाल फिलहाल में ट्रेंडिंग हों, ऐसे में आपके ब्लॉग की रैंक करने की संभावना बढ़ जाती है।


गूगल को अच्छे से लिखा हुआ, जानकारी से भरा आर्टिकल काफी पसंद है तो इसलिये आप प्रयास करें कि आपके ब्लॉग पोस्ट ऐसे ही हों और उनमे गलतियां कम से कम हों। 


7. SEO  का ठीक न होना 


आपकी वेबसाइट पर सर्च  इंजन ऑप्टीमाईजेशन (Search Engine Optimisation) सही न होने की वजह से आपकी वेबसाइट रैंक नहीं कर पाती। आपको ऑन-पेज  और इन-पेज SEO के साथ-साथ इमेज, ऑल्ट टैग, मेटाडाटा, अच्छे लिंक फॉर्म इत्यादि का भी अच्छे से ध्यान रखना होता है। 


 अगर आपने यह सब करके देख लिया है और फिर भी आपकी वेबपेज रैंकिंग नहीं सुधर रही है तो इन कुछ टिप्स को अपनाकर आप अपनी रँकिंग को गूगल पर सही कर सकते हैं:


(i) बैकलिंक का निर्माण करना


आप गेस्ट पोस्ट के जरिए या स्पॉन्सर्ड पोस्ट के जरिए भी एक अच्छी वेबसाइट से प्रासंगिक बैकलिंक ले सकते हैं। लेकिन सबसे बेहतर तरीका यह होगा कि आप एक बेहतरीन गुणवत्ता वाला कंटेंट बनाए जो की खुद दूसरों से बैकलिंक प्राप्त करे। हालांकि इसमे समय लग सकता है तो आप पहले वाली कुछ उपायों को अपना सकते हैं। 


आप अपने आर्टिकल को अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे फेसबुक, ट्विटर, कोरा आदि पर शेयर करके वहाँ से भी ट्रैफिक ला सकते हैं। इससे आपकी वेबसाइट पर रेटेंशन बढ़ेगा और आपकी वेबसाइट एक अच्छी वेबसाइट तौर पर नज़र आएगी और गूगल इसको रँकिंग देना शुरू कर देगा। 


(ii) लंबे -कीवर्ड का इस्तेमाल करें


आजकल शार्ट यानी छोटी कीवर्ड्स में competition या प्रतिस्पर्धा बहुत ही ज्यादा हो गयी है। इसलिए आपको अपने नए ब्लॉग पर लंबे-कीवर्ड्स को टारगेट करना चाहिए, जिससे जो भी ट्रैफिक आप अपने ब्लॉगर पर बने ब्लॉग पर लाना चाहते हैं वह काम प्रतिस्पर्धा होने की वजह से आ सके। 


लंबे कीवर्ड्स को बड़े ब्लॉगस टारगेट नहीं करते इसलिए वहां रैंक करने के चान्सेस ज्यादा रहते हैं। मतलब की जितना ज्यादा लंबा कीवर्ड और जितनी ज्यादा मात्रा में टॉरगेट किया गया होगा, रैंक करने की संभावना उतनी ही ज्यादा होगी। 


(iii) टाइटल और मेटा डेटा में की-वर्डस को अच्छे से लिखें


टाइटल और मेटा डेटा में कीवर्ड्स का होना बेहद जरूरी है। इससे गूगल को आपके ब्लॉग को पूरा स्कैन करने से पहले ही अच्छा अंदाज़ा हो जाता है कि ब्लॉग किस बारे में है  और इससे आपकी रँकिंग की सम्भावना थोडी और बढ़ जाती है। 


मेटा डेटा या ब्लॉग के डिस्क्रिप्शन में रिच कीवर्ड्स को लिखने से आपके पोस्ट के सर्च इंजन पर रैंक करने की संभावना भी बढ़ती है। हालांकि गूगल कहता है की आपका मेटा डेटा / डिस्क्रिप्शन आपके यूज़र्स के नज़रिये से लिखा जाना चाहिए जिससे की आप उनसे कॉल-टू-एक्शन के जरिए अपने ब्लॉग आर्टिकल पर क्लिक कर सकें। लेकिन फिर भी हमें अपने मेटा-डेटा में कीवर्ड्स अच्छे से लिखना चाहिए। 

लेकिन आप सभी को पता है कि गूगल पर रैंक करने के सिर्फ एक कारण नहीं बल्कि कई कारण हैं, इसलिए आप इन सभी को जल्दी से जल्दी अपनाए और अपना फीडबैक हमें जरूर दें।



 


  

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