स्टूडेंट्स पैसों की सेविंग्स कैसे करें? छात्र पैसे कैसे बचाएँ?

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बाहर पढ़ने वाले छात्रों के लिए आजकल बड़ी समस्या ये होती है कि वो पैसे कैसे बचाएँ! हर किसी के घर की हालत ऐसी नहीं होती कि वे आँख मूदकर पैसे खर्च कर सकें और भविष्य की चिंता न करें। ऐसे में अगर आपको पूरे महीने का हिसाब रखना पड़ता है और उसी हिसाब से पैसे खर्च करने होते हैं।

   जहाँ कुछ बच्चे इसे अपनी शान और मर्यादा या इज़्ज़त से जोड़ कर देखने लगते हैं वे इसी नादानी में ज्यादा खर्च कर अनावश्यक ही तंगी और अनिश्चितता को दावत दी देते हैं। पैसे से आपकी इज़्ज़त नहीं बनती लेकिन पैसे बिना गुजारा भी नहीं हो सकता। तो आखिर पैसे की समस्या को कैसे निपटाया जाए?

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घबराइए मत अगर आप इस पोस्ट को पूरा पढ़ेंगे तो आपकी समस्या का निदान छोटे-छोटे लेकिन असाधरण तरीके से काम करने वाले सटीक उपायों से आपकी इस समस्या का निदान हो जाएगा। तो आइए चर्चा करते हैं कि आखिर बाहर जाकर पढ़ाई करने वाले छात्र कैसे पैसे बचा कर परिपक्वता हासिल कर सकते हैं, और अपने माता-पिता के लिए थोडी राहत बन सकते हैं।

बाहर पढ़ाई करते समय पैसे बचाने के लिए कुछ सटीक उपाय

अक्सर बाहर पढ़ने वाले छात्रों को अपने खाने-पीने, कपड़े, किताब, फॉर्म, फीस, किराया आदि के लिए पैसे पर निर्भर होने पड़ता है। घर से बाकी पर्याप्त राशि या पैसा मिलने के बाद भी स्थितियां कभी कभी बिगड़ जाती हैं और उधारी लेने की नौबत जब तब आ जाती है। मैं भी इस दौर से गुजर चुका हूँ, तो घबराइए नहीं इसका उपाय है।

1. फालतू के खर्चों पर लगाम लगाइए

आपकी जरूरत की चीज क्या क्या हो सकती है उसकी एक लिस्ट बनाइए और फिर उसी हिसाब से ही चीजें खरीदें और खाएं-पीयें। जैसे कि एक छात्र के लिए सामान्य दिनों में जरूरत के सामान होते हैं- एक थाली, कटोरी, गिलास, एक बोतल, पीने के पानी की 20 लीटर की बोतल, खाना बनाने के उपकरण जैसे कि गैस, सिलिंडर, एक कूकर, एक भगौना, करछुल, और एक चम्मच, गद्दा, 2 चद्दर, एक ओढ़ने वाला चद्दर, पढ़ने की जरूरी किताबें, एक झाड़ू, बाल्टी और मग, टूथब्रश और पेस्ट, तौलिया और कपड़े इत्यादि।
 
अब अगर आप इन  सबसे अलग कुछ जरूरी चीज महसूस करते हैं तो ले सकते हैं पर वो चीजें जिनसे आपकी आरामदायी जिंदगी होने लगे वो गैरजरूरी है।

2. अपने मिलने वाले पैसे में से 10 प्रतिशत को बचाया करें

यह बहुत जरूरी है। अगर आप घर से मिलने वाले पैसे में से दस प्रतिशत हर महीने बचाकर रख लेते हैं और बैंक में ही रहने दें, तो आपको परेशान होने की नौबत कभी नहीं आएगी। आपके पास एक अलग से सेविंग तो होगी ही, साथ ही आपको मिलने वाले से कम पैसों में गुजारा करना भी आ जाएगा।

छात्र को कम से कम पैसे में गुजारा करना अगर आ गया तो आपके बाहर रह कर पढ़ाई करने का 20 प्रतिशत असल पढ़ाई आपने पूरी कर ली। क्योंकि अगर आपने अभी अपने पढ़ाई के दिनों में कम पैसों में गुजारा करना नहीं सीखा तो आप बमुश्किल ही कभी सीख पाएँगे; तब आपके पास खर्चे और लोग भी ज्यादा हो जाएंगे।

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3. किताबों को खरीदने के बजाय फोटोकॉपी करवा लें और शेयर कर के पढ़ें

अक्सर नई किताबें महंगी होती हैं। हालाँकि नई नई किताबें खरीदने की इच्छा तो बहुत होती है, पर आपको सेविंग्स करनी हैं तो आपको किताब के पीछे नहीं भागना चाहिए क्योंकि उसकी फोटोकॉपी में आपको वही सारी जानकारियाँ मिल जाएंगी। (हालांकि ऐसा करना नैतिक रूप से गलत है, पर यह काम आप अपने जिम्मेदारी से कर सकते हैं।)

अगर आपको फोटोकॉपी करा पाना मुश्किल लगता है तो आप किताबों को लाइब्रेरी से लेकर या दोस्तो से शेयर करके भी पढ़ सकते हैं। आपको इसके लिए थोड़ा भी परेशान होने की जरूरत नहीं है, आप अपने दोस्तों से rotation यानी चक्र में किताबें मांग कर पढ़ सकते हैं। यानी आप उन किताबों को पढ़ें जो आपका दोस्त अभी नहीं पढ़ रहा है, यह आसन है।

4. सब्जियों और फलों को शाम के समय में खरीदें

आम तौर पर सब्जियों और फलों के दाम रात होने पर धीरे धीरे कम होने लगते हैं, यही एक छात्र के लिए अच्छा वक्त होता है यह सब खरीदने का। दुकानदारों को ये सारी चीजें बेचकर घर जाना होता इसलिए वे दाम या रेट कम करके बेचकर जाना चाहते हैं। ऐसे में एक अच्छी टोर्च की रोशनी में अच्छे से खरीददारी करके कुछ पैसे बचा सकते हैं।

5. पुरानी किताबों को प्राथमिकता दें

आप सेविंग्स करने के लिए ऐसी दुकानों या सेल्स पर जा सकते हैं जो पुरानी किताबों को 60 प्रतिशत या उससे कम दामों पर बेचते हैं। इससे आप के पैसे भी बचेंगे और आपकी पढ़ाई भी अबाध गति से चलती रहेगी। अगर आपके दिमाग में आ रहा है कि वे किताबें फट जाती हैं या कमजोर होती हैं तो आप उनपर प्लास्टिक कवर शीट लगा लें, ऐसे में किताबें सालों तक चलेंगी।

Prefer old books to buy for money saving



6. बहुत महँगे कपड़ों के पीछे न भागें

आपको अपने भविष्य की चिंता करनी चाहिए, उसके लिए हर रोज मेहनत करनी चाहिए। आपको कभी भी दूसरों का देखकर महँगे कपड़े नहीं खरीदना चाहिए। महँगे कपड़े और साधारण कपड़ों में अंतर बस इतना होता है कि आप उसे पहन कर कैसा महसूस करते हैं, आप अपनी कम्युनिकेशन स्किल यानी संवाद शैली को इम्प्रूव करें, बेहतर बनाएं और आत्मविश्वास से रहें। आपकी बाह्य सुंदरता की नही ये दुनिया आपके व्यक्तित्व की दीवानी होती है।

निष्कर्षतः आपको अपने भविष्य के बारे में चिंता करनी है और उसके लिए हर रोज उस दिशा में प्रयास भी करना है पर इसके लिए आपको न ही तो तनावग्रस्त हो जाना है और न ही अपने आपसे कुंठा करनी है। अपने माता-पिता के सामने कभी भी यह न दिखाएँ कि आप पैसे बचा रहे हैं, बल्कि आप बचाएँ। इससे आपके मा-पिता को आप को देख कर सन्तुष्टि भी होगी और आपको खुद पर गर्व भी होगा। ऊपर बताए गए उपायों को अगर आप अपनाते हैं तो निश्चित ही आपको आर्थिक परेशानी नहीं होगी। पोस्ट पसंद आई तो अपने जरूरतमंद दोस्तों के साथ इसे शेयर करें और लिंक को बुकमार्क कर लें या पसंदीदा पढ़ने की सूची बनाकर उसमें जोड़ लें, ताकि भविष्य में फिर पढ़ सकें। आपके कमैंट्स का स्वागत है। शुभ दिन हो।



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