एप्पल के फोन और इसके प्रोडक्ट्स इतने महंगे क्यों हैं?

0

 टेक्नोलॉजी के बारे में उत्सुक हर इंसान के दिमाग मे कभी न कभी ये बात जरूर आई होगी कि आखिर iPhone या Apple के दूसरे प्रोडक्ट्स इतने महंगे क्यों होते हैं?


एक बार क्या हुआ कि मैं अपने दोस्त के पास काफी समय बाद मिलने गया। इन दिनों उसने मेहनत कर काफी पैसे इकट्ठा कर लिए थे। उसके हाथ में एक लेटेस्ट iPhone देखकर मैं हक्का-बक्का रह गया। मैं सोचने लगा कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि कुछ पैसे आते ही इसने उसे और ज्यादा करने के बजाय Apple जैसे कंपनी का फ़ोन खरीद लिया?


खैर उससे मिलकर मैं लौटा और काफी सोचने के बाद पाया कि यह एक स्टेटस सिंबल तो है ही पर बात इससे कहीं आगे की है। आइए देखते हैं।


Why Apple is so costly
Why Apple is so hyped?


Apple के प्रोडक्ट्स इतने ज्यादा महंगे होने के बावजूद बिकते क्यों हैं?

एप्पल कंपनी के दाम को देखकर कई बार तो यही लगता है कि Apple अपने brand name का गलत फायदा उठा रहा है। पर यह पूरी तरह से सच बात नहीं है, हालांकि इस बात से पुरी तरह इंकार भी नहीं किया जा सकता है।

आइए देखते हैं कि एप्पल इतना महंगा सामान बेचता है फिर भी उसे इतनी तरक्की क्यों मिलती जा रही है और क्या वजहें हैं कि लोग इन्हें खरीदने से भी बाज नहीं आ रहे हैं।

1. Brand बन जाने का फायदा


किसी भी brand का फायदा उसे मिलता ही है। यह यूं ही नहीं हो जाता, एक ब्रांड के बनने के पीछे कई सारे वजह होते हैं। लोगों की मानसिकता और उस विशेष नाम को महत्व देने के कारण ही एक नाम ब्रांड बन पाता है। जाहिर है कि जिसे लोग आंख मूँद कर खरीदने के पीछे पड़े हों वह सिर्फ ब्रांड नहीं होता बल्कि वह विश्वास होता है।

2. Marketing और Advertising

एप्पल अपने मार्केटिंग पर बहुत खर्चे करता है। आज की दौड़ भाग की जिंदगी में लोगों को अपने कंपनी का नाम बार बार दिमाग में डालने के लिए एप्पल लाखों करोड़ों के खर्चे करता है। 

Appleinsider के पोस्ट के हिसाब से एप्पल ने 64.8 मिलियन डॉलर 2021 में paid search पर खर्च किए जो कि ads के मामले में 12th नम्बर की सबसे ज्यादा खर्च की गई राशि है। इतने पैसे को भारतीय रुपए में कुल 5,17,78,79,640.00 रुपए हो जाते हैं यानी 5 अरब 17 करोड़ 78 लाख 79 हज़ार 640 रुपए सिर्फ paid search ads पर। अब इतने रुपए कोई कम्पनी खर्च कर रही है तो वापस तो जरूर लेगी, इसीलिए भी एप्पल काफी महंगा पड़ता है।

3. Apple Trust यानी भरोसा बेचता है

Factors why Apple is of such high cost
Apple is the brand.



एप्पल या आपल कंपनी लोगों के बीच इतनी ज्यादा मशहूर इसलिए ही हो पाई है क्योंकि आपल(Apple) सबको यह भरोसा दिला चुका है कि उस पर और उसके प्रोडक्ट्स पर भरोसा किया जा सकता है। 

यह भरोसा चाहे उसके हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर को लेकर हो या उसके Policies को लेकर। 


4.हार्डवेयर एंड सॉफ्टवेयर


एप्पल के हार्डवेयर एंड सॉफ्टवेयर काफी अच्छी क्वालिटी के बनाए जाते हैं। जिससे उसमें durability यानी टिकाऊपन रहता है। एप्पल के हार्डवेयर एल्युमीनियम और अच्छे क्वालिटी के मेटल्स से बनाए जाते हैं। इस तरह आने अच्छे हार्डवेयर के दम पर यह प्रोडक्ट्स महंगे दामों में बिकते हैं।

Apple के softwares को iOS के नाम से जाना जाता है। इसके सॉफ्टवेयर विशेष तौर पर आपल के हार्डवेयर के लिए ही बनाए जाते हैं। सबसे बड़ी खूबी इनकी होती है कि ये आपस में एक दूसरे से वायरलेस तरीके से जुड़ यानी connect हो पाते हैं।

iOS, watchOS, TVOS, iPadOS ये सारे Operating Systems गूगल ने सिर्फ और सिर्फ अपने अलग-अलग hardwares के लिए बनाए हैं।


5. Apple का खुद का brand system या eco system

आपल की सबसे बड़ी खूबी यह है बिना किसी दिक्कत के यह एक दूसरे से कनेक्ट हो जाते हैं। एप्पल के स्मार्टवॉच, लैपटॉप, TV, Siri और ऐसी ही तमाम OS एप्पल ने dedicated अलग अलग devices के लिए बनाए हैं। इस तरह ये wireless connectivity के जरिए अपना खुद का eco system बना लेते हैं और इसके इस्तेमाल करने वाले को काफी राहत होती है।

6. Privacy को ज्यादा वैल्यू देना

Apple's policy to protect user policy attracts rich customers
Privacy attracts money Apple knows this.



Apple या आपल के इतने महंगे होने की होने की अगली वजह है एप्पल के द्वारा प्राइवेसी को अत्यधिक महत्व दिया जाना। आपल कंपनी का दावा है की वह अपने यूज़र्स के data को बेचता नहीं है। यह आपके लोकेशन, आपकी daily life activities को नोट नहीं करता।

हालांकि इसका मतलब यह नहीं है कि एप्पल आपको बिल्कुल भी ट्रैक नहीं करता। वह करता है। बिल्कुल, पर वह अपने services और क्वालिटी को बढ़ाने के लिए ही ऐसा करता है जो कि जायज़ भ्य लगता है। 

एप्पल के द्वारा users के प्राइवेसी को इतना ज्यादा महत्व दिया जाना ही users के मन मे इसके लिए अधिक charges देने की संभावना को बढ़ा देता है। क्योंकि जो ज्यादा पैसे दे सकता है और उसे अपनी प्राइवेसी की चिंता है वह क्यों ही चाहेगा कि उसकी प्राइवेसी दांव पर लगे।

7. समय पर अपडेट देते रहना

एप्पल के OS यानी ऑपरेटिंग सिस्टम को हर साल नया iOS version निकालता रहता है। वहीं अगर windows की बात करें तो यह अपडेट कई सालों बाद आते हैं। और ज्यादातर बार यह updates के charges भी लगते हैं। हालाँकि इस बार windows 10 से windows 11 के update को free कर दिया है। पर वास्तव में आपको in app purchases के जरिए काफी पैसे देने पड़ जाते हैं।







8. Fan Base Support का फैलाव

एप्पल के इतने ज्यादा महंगे होने के पीछे लोगों की सोच भी बहुत हद तक जिम्मेदार है। लोग आपल को social status के तौर पर देखते हैं और इसके लिए वो कितने भी रुपए या डॉलर्स देने को तैयार हो जाते हैं।

सच कहा जाए तो लोगों के इसी social status के सोच की वजह से ही apple एक premium luxury brand बन गया है। और चूँकि लोग कितने भी पैसे देकर इसे खरीदने के इच्छुक रहते हैं इसीलिए एप्पल कभी भी अपने दाम कम करने के बारे में नहीं सोचता।









एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें (0)