E Rupee या digital currency क्या है? RBI ने इसे क्यों लॉन्च करने की सोची है?

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 रीज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने E Rupee जो कि एक तरह की digital curreny होगी उसे लांच करने की बात 7 अक्टूबर 2022 को कही। जिसके अंतर्गत वे तेजी से बढ़ रहे ऑनलाइन भुगतान के प्रणाली के आधार पर डिजिटल करेंसी को जारी करने की सोच रहे हैं। 

ऑनलाइन का बढ़ता ट्रेंड: UPI के जरिए अगस्त महीने में लगभग 10.72 ट्रिलियन की राशि का भुगतान हुआ। यह आंकड़ा बताता है की ऑनलाइन भुगतान करने का यह रुझान हर महीने तेजी से बढ़ता नजर आ रहा है। जैसे जैसे इंटरनेट का विस्तार हो रहा है वैसे वैसे UPI के जरिए ट्रांसक्शन यानी ऑनलाइन भुगतान की संख्या भी बढ़ रही है। 

अब इसी रुझान को देखते हुए RBI ने यह तय किया है की वे E Rupee, E Rupi या ई रूपी को लांच करेंगे।  यह एक तरीके की डिजिटल कर्रेंसी होगी जिसकी सहायता से आम रोजमर्रा की ज़िन्दगी में आप रिटेल या बल्क में पैसे का आदान-प्रदान कर सकेंगे। 

तो आइए देखते हैं की वास्तव में ई रूपी है क्या?

E Rupee या Digital Currency क्या है?

What is e rupee digital currency that gets launched by RBI in India


ई रूपी को कौन लॉन्च कर रहा है

E rupee एक तरह का Central Bank Digital Currency (CBDC) है, जिसे किसी भी देश की सेंट्रल बैंक द्वारा लॉन्च और रेगुलेट किया जाता है। भारत के मामले में इस डिजिटल करेंसी को RBI यानी रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया लॉन्च कर रही है, जिसे भारत में E-Rupee के नाम से जाना जाएगा। 

क्या यह एक प्राइवेट मुद्रा है या सरकारी मुद्रा?

अब चूँकि इसे RBI लॉन्च कर रही है तो आप आसानी से समझ सकते हैं कि यह सरकारी मुद्रा है जो कि सुरक्षित और हर जगह स्वीकार्य होगी।

CBDC की खास बात यह होती है की जैसे साधारण नोट और सिक्के बाज़ार में भुगतान को  आसान बनाते है वैसे यह डिजिटल मुद्रा भी उतने ही बेहतर तरीके से काम करेगी क्योंकि जैसे RBI का विश्वास और भरोसा भौतिक मुद्राओं में होता है, वैसे ही इस डिजिटल मुद्रा में भी RBI का भरोसा होगा। गौर करने वाली बात है की यह E-Rupee भारतीय रिज़र्व बैंक या RBI द्वारा ही लांच किया जाएगा जाहिर है की सभी तरह की भारतीय मुद्राओं को RBI ही मार्किट में लॉन्च करती है। 


क्या डिजिटल करेंसी ई रूपी के आने से सामान्य रुपए बन्द हो जाएंगे?

 E-Rupee के आने से किसी भी तरह से भौतिक रुपए या  मुद्राओ के उपयोग में किसी भी तरह से रोक नहीं लगेगी बल्कि लोगो के पास UPI, सिक्के-नोट के अलावा डिजिटल E-Rupee करेंसी भी होगी जिसका लोग उपयोग कर सकेंगे। 

हर E-Rupee की फेस वैल्यू ठीक उतनी ही होगी जितना एक नोट या सिक्के की फेस वैल्यू होती है। E-Rupee को RBI लांच केगी और इसे डिस्ट्रीब्यूट करने की जिम्मेदारी बैंकों की होगी तो यह पूरी तरह से मेनी मुद्रा होगी।

 कुछ लोगों के मन में यह सवाल भी उठ रहे होंगे की यह डिजिटल करेंसी से अलग कैसे है? इसका जवाब आगे आर्टिकल में आपको मिलेगा लेकिन क्या इसकी वैल्यू में भी करैप्टोकॉइन्स की तरह उत्तर चढाव देखने को मिलेंगे? तो इसका जवाब है नहीं क्योंकि अब E-Rupee एक डिजिटल करेंसी तो है पर यह RBI के द्वारा मान्य होगी तो इसकी वैल्यू बभी परम्परागत मुद्रा जैसी ही तय होगी जिसमें कि समय के साथ उतार-चढाव नहीं आएंगे। 

RBI ने कहा है की यह CBDC करेंसी 'टोकन-आधारित' या 'एकाउंट-आधारित' होगी। यानी इसका आपस में भौतिक मुद्रा से लेन-देन क्या जा सकेगा और इसे आपके एकाउंट से दूसरे एकाउंट में ट्रान्सफर भी किया जा सकेगा। 

 यह CBDC या E-Rupee काम कैसे करेगी?

यह डिजिटल करेंसी पूरी तरह से एक पब्लिक एकाउंट और प्राइवेट पासवर्ड के जरिए काम करेगी। अगर आपने पहले upi का इस्तेमाल किया होगा तो आपको जानकी होगी की उसमें भी एक आपका एकाउंट होता है जो आपके बैंक एकाउंट से लिंक्ड होता है और आप जब भी पैसे ट्रांसफर करते हैं तो आप दूसरे एकाउंट को खोजते हैं जो राशि प्राप्त करने वाले के बैंक से लिंक होता है। अब  आपको पैसे भेजने के लिए एक अंतिम UPI पिन डालने की आवश्यकता पड़ती है। 

यह E-Rupee या डिजिटल करेंसी भी ऐसे ही एकाउंट से एकाउंट में ट्रांसफर की जा सकेगी और ऐसा करने के लिए आपको एक प्राइवेट पासवर्ड की जरूरत पड़ेगी। 

RBI ने अपने 7 अक्टूबर को रिलीस किए हुए कांसेप्ट नोट में  कहा है की यह डिजिटल करेंसी या CBDC ठीक भौतिक-मुद्रा प्रणाली की तरह टोकन के रूप में कार्य करता है तो रिटेल वाले भुगतान के लिए CBCD-R टोकन रिलीस किया जाएगा और वहीं होलसेल में मुद्रा या राशि का भुगतान करने के CBCD-W टीपर मुद्रा टोकन को लांच किया जएगा। 

E-Rupee का रिकॉर्ड और इसका लेखा-जोखा बैंक रख सकेंगे और यह आपसी लेन-देन को काफी हद तक आसान बनाने में बहुत मददगार बन सकेगा। अब चूंकि भारत अभी आर्थिक रूप से काफी गिरावट देख रहा है, जहाँ 1 डॉलर के बराबर 82 रुपए के आसपास की वैल्यू जा चुकी है, वहाँ डिजिटल करेंसी को मार्किट में लाने का उद्देश्य परम्परागत मुद्रा के निर्माण में आने वाली आर्थिक वित्त को कम करना और पैसे के आवागमन पर एक सम्भावित निगरानी रखने का यह एक सम्भावित कदम है। 

Crypto Currency और E-Rupee में क्या फर्क है?

How digital currency E Rupee is different from Crypto Currency



क्रिप्टो करेंसी एक ऐसी मुद्रा है जिसके संचालन के लिए ब्लॉकचेन्स विधि या प्रणाली का प्रयोग किया जाता है जिसकी वैल्यू डिमांड और सप्लाई के आधार पर घटती और बढ़ती रहती है। वहीं E-Rupee या CBDC सेंट्रल बैंकों द्वारा संचालित किए जाते हैं जैसे भारत मे इसको लॉंच रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया कर रहा है लेकिन इसका संचालन और रिकॉर्ड बैंकों द्वारा नियमित होगा, जिसकी वजह से इसकी वैल्यू आम परम्परागत मुद्रा की तरह निर्धारित रहेगी और उसमें बदलै नहीं होगा। 

जहाँ क्रिप्टो करेंसी एक प्राइवेट करेंसी की तरह इस्तेमाल होता है और उसकी 1 कॉइन  कीमत कई हज़ारों लाखों रुपए या डॉलर के बराबर पहुंच सकती है वहीं E-Rupee एक पब्लिक वेलफेयर के लिए सरकारी संस्था रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया के द्वारा लॉन्च किया हुआ पब्लिक करेंसी होगा। 

क्रिप्टो करेंसी को जहाँ यूज़र्स कंप्यूटर की कैलकुलेशन के मदद से माइन कर सकते हैं वहीं आप E-Rupee को माइन नहीं कर पाएंगे क्योकि इसकी टेक्नोलॉजी सिर्फ RBI के पास होगी जो समय-समय पर E-Rupee के लिए डिश-निर्देश जारी करते रहेंगे। 

क्या E-Rupee का भुगतान का रिकॉर्ड रखा जाएगा या anonymity रहेगी?

E-Rupee के लिए सेंट्रल बैंक्स का मानना है की रिटेल भुगतान होने की दशा में गुमनामी या नाम को छुपाना जरूरी है लेकिन RBI ने कहा है की यह थोड़ा मुश्किल होगा क्योकि ऑनलाइन भुगतान करने पर हिस्ट्री कहीं न कहीं बच जाती है, जिसका पता लगाया जा सकता है। 

हालांकि RBI का यह कहना है की वे कोशिश करेंगे की बड़ी मात्रा में भुगतान करने वालों की हिस्ट्री रिकॉर्ड रहे और रिटेल भुगतान करने वालों को गुप्त रखा जाए। 

क्या E-Rupee का ऑफलाइन प्रयोग किया जा सकेगा?

E-Rupee का प्रयोग offline और online दोनों तरीकों से किया जा सकेगा लेकिन कुछ शर्तों के साथ। RBI का मानना है कि ऑफ़लाइन इस्तेमाल किए जाने पर E-Rupee टोकन का दो बार प्रयोग कर दुरुपयोग हो सकता है, इसलिए offline भुगतान पर एक लिमिट तय रहेगी जिसके बाद आपको ऑनलाइन जाकर अपने एकाउंट को अपडेट करना पड़ेगा। 

टाइम्स नाउ के मुताबिक भारत के कुल 1.4 बिलियन की आबादी में 825 मिलियन लोग अभी भी ऐसे हैं जिनके पास इंटरनेट की सुविधा नहीं है? चूँकि भारत में अभी कुछ बड़े शहरों में 5जी का आगमन हो चुका है तो बड़े शहरों में तो तेज इंटरनेट की समस्या नहीं होगी लेकिन भारत मेरा बहुत जगहों पर अभी इंटरनेट है ही नहीं और है भी तो बेहद कम! क्या ऐसे जगहों पर प्राइवेट कंपनियां नेटवर्क पहुँचाएंगीं? क्या BSNL को यह जिम्मेदारी सौंपी जाएगी? ऐसे में सवाल ये उठता है की क्या ऐसे जगहों पर E-Rupee सफल हो पाएगा?


Conclusion

ऐसे में अपने जाना की एक CBDC या डिजिटल करेंसी को लेकर RBI का क्या कहना है और वे इससे जुड़ी दिशा-निर्देशों में क्या कह रह हैं? क्रिप्टो करेंसी से डिजिटल करेंसी E-Rupee अलग है तो कैसे? तो अगर आपको यह आर्टिकल पसन्द आया है तो इसे अपने टेक्निकल दोस्तों के बीच जरूर शेयर करें! 

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