अनंत अंबानी का वनतारा क्या है? क्या यह एक PR है? जानिए सब

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हाल ही में मुकेश अंबानी के छोटे बेटे अनंत अंबानी की सगाई हुई जिसमे 1000 करोड़ का खर्च आया था। इस मौके पर मुकेश अंबानी ने देश विदेश के सभी सितारों को न्योता दिया था। इसी मौके पर अनंत अंबानी ने अपने महत्त्वाकांक्षी जानवरों के लिए समर्पित वनतारा प्रोजेक्ट को भी लॉन्च किया। जिसमें 2000 से ज्यादा बचाए गए जानवर रहते हैं।

इसकी बाउंड्री जंगल से लगी हुई है और खुली है तो जानवरों का विचरण और आना जाना लगा रहता है। अनंत अंबानी ने बताया कि वनतारा में हर दूसरे दिन तेंदुआ भी दिख जाया करता है

मुकेश अंबानी के बेटे अनंत अंबानी द्वारा शुरू किया गया वनतारा प्रोजेक्ट हाथी, शेर, बाघ, चीता और बड़े जानवरों के लिए शुरू किया गया एक इंटरनेशनल चिड़ियाघर और स्वास्थ्य अस्पताल की तरह है। वनतारा में बड़े जानवरों के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए उपयुक्त सुविधा है, जिसमें हाथियों के लिए विशेष कर उनके देखभाल और स्वास्थ्य के लिए बेहतर व्यवस्था की गई है।

वनतारा में हाथियों के खाने का इंतजाम जान भौच्चके रह जाएंगे आप



हाथियों के नहाने के लिए गर्म पानी का स्विमिंग पूल और जकूजी की व्यवस्था है जिससे उन्हें अर्थराइटिस की समस्या से निजात मिल सके। अनंत अंबानी ने बताया कि हाथियों के खाने के लिए विशेष कर ध्यान रखा गया है। हाथी एक बड़ा जानवर होता है जिसे खाने के लिए बहुत सारी मात्रा में चीजों की आवश्यकता होती है।


अनंत अंबानी आगे बताते हैं कि बूढ़े हाथियों और खासकर ट्रॉमा से गुजर चुके हाथियों के स्वास्थ्य और उनके देखभाल के लिए खाने का उत्तम और सफाई युक्त उपाय किया गया है। वनतारा एशिया का ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया का सबसे बड़ा अपने तरह का जानवरों का पहला अस्पताल है।

वनतारा में न केवल बड़ी जानवरों की देखभाल के लिए व्यवस्था है बल्कि उन्हें स्वस्थ कर फिर से जंगल में छोड़ने की पूरी व्यवस्था है।

वनतारा में हाथियों के खाने के लिए क्या-क्या है?


अनंत अंबानी ने बताया कि हाथियों के खाने के लिए खिचड़ी, सेब, लड्डू, रोटी, जूस, पॉपकॉर्न जैसे तमाम व्यंजनों की व्यवस्था है। उन्होंने बताया कि एक हाथी सुबह शाम 5-5 रोटियां खाता है। हाथियों के खाने के लिए हिमाचल में उगाए गए सेब की व्यवस्था है, जिसे कोल्ड स्टोरेज में रखा जाता है और हाथियों को खिलाया जाता है जिससे उनका स्वास्थ्य बना रहे।

बूढ़े हाथियों का वनतारा में खासकर ख्याल रखा जाता है। बूढ़े हाथियों के लिए खिचड़ी की व्यवस्था है 50-50 किलो की मात्रा में खिचड़ी बनाई जाती है। वनतारा में लगी न्यूट्रीशनिस्ट मिस पेट्रा (जर्मनी की निवासी) ने बताया की वहां बने सभी प्रकार के व्यंजन आदमियों के खाने के लिए भी उतने ही सुरक्षित और न्यूट्रिशन से भरपूर है जितनी की एक हाथी के लिए।

मिस पेट्रा बताती है कि एक हाथी दिन में पांच रोटी सुबह और 5 रोटी शाम को खाता है। इसमें इस बात का विशेष ख्याल रखा जाता है कि उससे उनकी तबीयत न खराब हो। हाथी को सुई लगाने के बाद या कड़वी दवा पिलाने के बाद उसे ट्रीट देने के लिए पॉपकॉर्न बनाए जाते हैं जो की एक विशेष फ्लेवर का होता है।

अनंत अंबानी ने बताया की रागी और गुलाब जामुन जैसे लड्डू और मिष्ठान बनाने के लिए उन्होंने केरल से महावत को बुलाया जिनकी उम्र 83 साल की थी और उनके बताए गए आयुर्वेदिक तरीके से सारे पकवानों को बनाया गया है।

आयुर्वेद के तरीकों का इस्तेमाल करने के साथ-साथ ही मिस पेट्रा द्वारा सभी व्यंजनों में न्यूट्रिशन की मात्रा निर्धारण विशेष तौर पर किया गया है।

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